Kayi dfa poetry by sachin mishra

कई दफ़ा | Kayi Dfa Poetry by Sachin Mishra – Extra Report

कई दफ़ा | Kayi Dfa Poetry by Sachin Mishra

कई दफा हम तुमसे कुछ कहना चाहे

कई दफा हम तुमसे मिलना चाहे

कई दफा ऐसी बातों को भी नजरअंदाज किया

जिस पर हम रुठना चाहे

कई दफा खुद से बढ़कर…

जब किसी से तुम मोहब्बत करते हो..

इतने सस्ते हो जाते हो तुम कि

उन्हें मुफ्त के लगते हो

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है….

कई दफा सिर्फ़ तुम्हारे होना चाहे

कई दफा तुमसे कुछ बताना चाहे

कई दफा हम तुम्हारे साथ सुकून से बैठना चाहे

लेकिन कई दफा तुम मिलना नहीं चाहे

हमेशा तुम्हारे लिए प्यार दिल में रखा

इजहार कर दोस्ती से हाथ नहीं धोना चाहे.

– सचिन मिश्रा

 

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