कई दफ़ा | Kayi Dfa Poetry by Sachin Mishra – Extra Report
कई दफ़ा | Kayi Dfa Poetry by Sachin Mishra
कई दफा हम तुमसे कुछ कहना चाहे
कई दफा हम तुमसे मिलना चाहे
कई दफा ऐसी बातों को भी नजरअंदाज किया
जिस पर हम रुठना चाहे
कई दफा खुद से बढ़कर…
जब किसी से तुम मोहब्बत करते हो..
इतने सस्ते हो जाते हो तुम कि
उन्हें मुफ्त के लगते हो
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है….
कई दफा सिर्फ़ तुम्हारे होना चाहे
कई दफा तुमसे कुछ बताना चाहे
कई दफा हम तुम्हारे साथ सुकून से बैठना चाहे
लेकिन कई दफा तुम मिलना नहीं चाहे
हमेशा तुम्हारे लिए प्यार दिल में रखा
इजहार कर दोस्ती से हाथ नहीं धोना चाहे.
– सचिन मिश्रा
तुम मिलो तो सही…. कुमार विश्वास
तुम्हें मेरी जरुरत है,तुम्हें मेरी जरुरत है…
वर्षों तक वन में घूम घूम… रश्मिरथी रामधारी सिंह ‘दिनकर’ Rashmirathi Ramdhari Singh Dinkar
हो गई है पीर पर्वत-सी-दुष्यंत कुमार कविता | Dushyant Kumar Kavita