तुम्हें मेरी जरूरत है मुझे तेरी जरूरत है कुमार विश्वास कविता | Kumar Vishwas Poetry – Extra Report
किसी पत्थर में मूरत है कोई पत्थर की मूरत है
लो हमने देख ली दुनिया जो इतनी ख़ूबसूरत है
ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है
तुम्हें मेरी जरूरत है मुझे तेरी जरूरत है.
कोई दीवाना कहता है कोई पागल…Koi Diwana kahta Hai Koi Pagal Samajhta Hai Kumar Vishwas