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तुम मिलो तो सही कविता Tum Milo To Sahi Kumar Vishwas ki kavita -ExtraReport

दिन संवर जाएंगे तुम मिलो तो सही कुमार विश्वास की कविता extra report

तुम मिलो तो सही कविता – कुमार विश्वास की कविता

दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही- पढ़िए कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवितायेँ

दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन
एक घर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही

ये वक़्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं
आज जी लो के कल का भरोसा नहीं
दे रहे है वो अगले जनम की खबर
जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं

दूर तू है मगर मै तेरे पास हु
दिल है गर तु तो दिल का मै एहसास हु
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई
भावना है अगर तू मै विश्वास हु

इस अधूरी जवानी का क्या फ़ायदा
बिन कथा नक कहानी का क्या फ़ायदा
जिसमे धूल कर नज़र भी न पावन बने
आँख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा

तुम्हें मेरी जरूरत है मुझे तेरी जरूरत है कुमार विश्वास कविता

मेरे दिल में जले हर दीये की क़सम
आज तक जो किया उस किये की क़सम
मै जहां आस्ले रोज़ बैठा रहा
लौट आओ उसी आशिये की क़सम

ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मै भी सपनो में आने लगू आपके
पर मुझे आपकी स्‍वीकृति तो मिले

दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन
एक घर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही

ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मै भी सपनो में आने लगू आपके
पर मुझे आपकी स्‍वीकृति तो मिले

कोई दीवाना कहता है कोई पागल…

रश्मिरथी-वर्षों तक वन में घूम-घूम

हो गई है पीर पर्वत-सी-दुष्यंत कुमार कविता

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